रुड़की
आज कल आप जिधर भी जाएंगे आप उधर ही मेडिकलो का मकड़जाल देखेंगे क्योंकि अब तो गली मोहल्लों में भी मेडिकल खुल चुके हैं हालांकि कुछ मेडिकल ऐसे हैं जिनके पास विभाग से लाइसेंस तो मिला है और कुछ अन्य मेडिकलों की बात करें तो बोर्ड तो लगा लिए गए है पर लाइसेंस नंबर नहीं लिखें गए है बता दे की बहुत मेडिकल आज के समय में फर्जी तरीके से खोले गए हैं जिन पर न तो कोई फार्मासिस्ट है और ना ही कोई लाइसेंस है इस तरह के फर्जी मेडिकल की भरमार रुड़की क्षेत्र में देखी जा सकती है अगर हम कुछ जगहो की बात करें तो उसमें कलियर क्षेत्र, पनियाला चंदापुर, लठरदेवा शेख, तेलीवाला आदि क्षेत्र मे ऐसे मेडिकल देखे जा सकते है उनके पास ने तो कोई डिग्री है ने कोई लाइसेंस और वह मेडिकल चला रहे हैं जिनके पास फार्मा की डिग्री तक नहीं है यह लोग बिना डॉक्टर के पर्चे के ही दवाई दे देते हैं हालांकि UK भारत इसकी पुष्टि नहीं करता की लइसेंस है या नहीं अगर इनकी जाँच हो जाये तो बहुत मेडिकल फर्जी मिल जायेगे, वही अगर इनकी सच्चाई जननी है तो इन मेडिकल संचालकों के पास अगर ड्रग विभाग का कोई अधिकारी ग्राहक बनकर आ जाये तो किसी भी बीमारी की दवाई ले सकते है जिससे उनके सामने सब सच्चाई आ जाएगी और बिना डॉ के पर्चे के ही यह आपको दवाई भी दे देंगे लेकिन बात करें तो हरिद्वार जिले में इन दिनों चारों ओर मेडिकलो का मकड़जाल बन चूका है। जिस पर विभाग बिल्कुल मौन बैठा है और देखा जाता है कि जो फर्जी मेडिकल चल रहे हैं उन पर नशे का समान भी बेचा जा रहा है ।लेकिन कोई भी कार्यवाही करने को तैयार नहीं है जबकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को 2025 तक नशा मुक्त बनाने का आहान क्या हुआ है लेकिन उसके बावजूद भी अधिकारी कुंभकरणी नींद सोए हुए हैं अब देखना होगा कि कब तक विभाग अपनी कुंभकरणी नींद से जागता है और इन फर्जी मेडिकलों पर कब तक कार्यवाही करता है।